रमजान के पवित्र महीने में मनाया जाता है ईद–उल–फितर का त्योहार। यह दुनिया भर के मुसलमानों का एक बहद ही अहम त्योहार है। ईद–उल–फितर या ईद मुसलमानों के लिए उनके धर्म का सबसे बड़ा त्योहर है। इस त्योहर को दुनिया भर के मुसलमान मनाते हैं। यह त्योहार नेकियों के महीने रमजान में मनाया जाता है।
कहते हैं कि रमजान का महीना इस्लामिक कैलेण्डर हिजरी कैलेण्डर का सबसे पाक महीना है। इस महीने में किए गए पूण्य का फल कई गुना ज्यादा होकर मिलता है। इस महीने में हर मुसमलान को अल्लाह का शुक्र अदा करना, रोज रखना, जकात देना, दान करना आदि का फर्ज है।
· रमजान के महीने के आखिरी दिन जब आसमान में चांद नजर आता है, तो उसके दूसरे दिन ईद मनाई जाती है।
· मुसलमान समुदाय पूरे रमजान माह में रोजा रखते हैं। इस्लामिक कैलेण्डर के मुताबिक रमजान का महीना 30 दिन का होता है। ऐसे में मुसलमान पूर 30 दिन रोजा रखते हैं।
· रमजान के दिनों में रोजा रखने वाला मुसलमान इफ्तार और सहरी के दौरान ही कुछ ग्रहण करता है। इसके अलावा वह पानी तक नहीं पीता। अधिक जानकारी के लिए काला जादू विशेषज्ञ से सम्पर्क करे।
· हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है। एक ईद होती है ईद–उल–फितर और दूसरी को कहा जाता है ईद–उल–जुहा। ईद–उल–फितर को महज ईद भी कहा जाता है। इसके अलावा इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। जबकि ईद–उल–जुहा को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है।
· माना जाता है कि रमजान के महीने की 27वीं रात, जिसे शब–ए–क़द्र को कहा जाता है, को क़ुरान का नुज़ूल यानी अवतरण हुआ था।
· रमजान के महीने में ही कुरान का अवतरण माना जाता है। यही वजह है कि इस महीने में ज्यादा कुरान पढ़ने का फर्ज है।
· जैसा कि हम जान चुके हैं ईद–उल–फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है, तो इस ईद पर सेवैया बनाना बहुत जरूरी है।
Like and Share our Facebook Page.